Monday, February 1, 2010

फस्ट हैण्ड होनी चाहिए

जिस तरह का बदलाव देखा जा रहा है उससे ताजुब जरूर होता है शायद टेलीविजन का प्रभाव कहें या पिश्चमी सभ्यता का हावी होना, टेलीविजन पर प्यार मोहब्बत की बातें , फिल्मों और एपिसोड में इश्क करते हुए दिखाया जाना इस परिवर्तन के जिम्मेदार हो सकते हैर्षोर्षो संचार क्रांाति के आने के बाद तो इसमें सबसे बड़ा परिवर्तन आया है सभी के पास मोबाइल हो गये है चाहे उसकी आवश्यकता उसको हो अथवा नहीं। 10 -12 साल के लड़के-लड़कियों को मोबाइल की क्या आवश्यता रहती है ये तो उन से अच्छा कोई दूसरा नहीं बता सकता। हमारे जमाने में तो घर में ही फोन की सुविधा नहीं थी आज तो सभी के पास मोबाइल है जिसे रखने में ये अपनी शान समझते है। 24घण्टों मोबाइल लोगों के हाथों में बना रहता है घर में रह जाए तो लगता है कुछ खास चीज रह गई जिसके बिना हमारा काम ही नहीं हो सकता। पहले तो ऐसा नहीं था आदमी बिन मोबाइल के भी अपने कार्य को बखुबी निभाते थे। एक बात और की मोबाइल झूठ कहने वाला उपकरण भी है यह हम सभी को झूठ बोलना सीखता है दूसरों को बेवकूफ बनाने के काम भी करवाता है लोगों को इस पर शक भी नहीं होता। उनकों विश्वास करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं रहता।

फिल्मों और टेलीविजन पर दिखाए जाने वाले दृश्यों को देखकर सभी लोग सेक्स करना चाहते है चाहे लड़का हो या लड़की। वक्त के इस परिवर्तन ने उम्र की तमाम सीमाएं को तोड़ दिया है क्या 14 साल का लड़का- लड़की। वो भी सेक्स के बारे में जानने लगे है सेक्स का आंनद उठाने लगे है। लड़को का क्या है चल जाता है पर लड़कियां का क्या होता होगा, इतनी सी उम्र में सेक्स करना सीख जाते है, लड़कियां जिससे प्यार करती है उसे सब कुछ सौंप देती है अपना समझकर, पर लड़के ऐसा नहीं सोचते वो तो केवल इस्तेमाल करके छोड़ देते है यदि शादी की बात की जाए तो बहाने बनाते है नहीं तो कहते है कि लड़की फस्ट हैण्ड होनी चाहिए उसका किसी के साथ सम्बंध नहीं होना चाहिए, मैं तो एक बात कहूं कि जब तक लड़की की शादी नहीं होती वह फस्ट हैण्ड ही रहती है चाहे शादी के पहले कितनी बार सेक्स क्यों न कर ले। इसका एक उदाहरण किसी गाड़ी से लगाया जा सकताा है आदमी कोई गाड़ी को खरीदने किसी शोरूम जाता है तो गाड़ी को देखता है पसन्द करता है फिर खरीदता है शोरूम से वो गाड़ी जो खरीदता है वो फस्ट हैण्ड होती है चाहे उसकी टेस्ट डाइव कितने लोगों ने क्यों न किया हो, रहेगी फस्ट हैंड़। परन्तु लड़कें अपनी गिरेवान में झांककर नहीं देखते की वो क्या है क्या वो कुआंरे हैर्षोर्षो तो इसका जबाव किसी के पास नहीं होगा। खुद रावण है शादी के लिए सीता की आशा रखते है। ये तो वो ही बात हुई चित भी मेरी, पट भी मेरी, अन्टा मेरे बाप का।

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