Tuesday, February 9, 2010

ओस की एक बून्द सी होती है बेटियां


स्पशZ खुरदरा हो तो रोती है बेटियां

रोशन करेगा बेटा तो एक ही कुल को

दो-दो कुल की लाज को ढोती है बेटियां

हीरा है अगर बेटा तो मोती है बेटियां

कांटों की राह पे ये खुद ही चलती रहेगी

और के लिये फूल ही बोती है बेटियां

विधि का विधान है यही दुनियां की रस्म है

मुठ्ठी में भरे नीर सी होती है बेटियां

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